Saturday, 30 December 2023

नए साल की शुरुआत


For the ending year, few words from my side,

थोड़े थोड़े रंग भर के
आखिर एक तस्वीर बन गई,
शब्दों को परोते परोते
ये देखो अब कविता बन गई ।

साल खत्म होने को आया तो
नई उम्मीदें बन गई,
मैंने पीछे जो मुड़के देखा
नए रिश्तों की एक डोर बन गई ।
खट्टे मीठे किस्सों से होके
मैं थोड़ी और समझदार बन गई,😊
यां हर दिन की नई कहानी 
मुझे फिर से विद्यार्थी बना गई ।

हाँ, जानती हूं की इस वर्ष भी
कुछ पत्ते  जवानी में झड़ गए,
जाने अंजाने इतिहास ने
कुछ और शहादातों के किस्से लिख दिए,
सही गलत के वो ही सवाल
फिर से उठ गए,
पर मैं ने ये जाना 
दिल में प्यार और करुणा
अब भी रोए ।

मैं तो जिंदगी को 
खुली बाहों से पुकारूं
आंखों में हसी,  दिल में प्यार 
को थोड़ा और भर लूं 
नए साल की इस चौखट पे
सर्जन की जादूगरी
को मैं सहज, सहर्ष स्वीकार लूं ।।

🙏🙏

30th December 2023

Tuesday, 19 December 2023

Creative कलम



 'Creative कलम '

ये शायद  सोच है

या फिर जुनून 

जो बदलाव चाहता है ।।


ये मेरे बोल हैं

या कलम की creativity 

जो रास्ते बदल रही है ।।


ये इनकी नादानी है

या बस एक भूल

जो सही दिशा से भटक रहे हैं ।।


ये इनकी हार है

या सता की लालच

जो इन्हें नैतिकता से गिरा रही है ।।


ये मेरे समय का व्यय है

या नए रिश्तों में निवेश

जो सुबह करीब दिखा रहा है ।।


ये एक संघर्ष है

या एक नवीन मौका

जो मुझे कहीं दूर ले जा रहा है ।।


ये मेरा प्रयास है

या नए संकल्प की इच्छा

जो मैं  जीत रही हूं ।।


ये शब्दों की ऊर्जा है

या फिर रचनात्मकता

जो क्षितिज पे विद्यमान है ।।


- Shalu

Dec 19 2023


Wednesday, 27 September 2023

Circular Life


Circular Life


गोल गोल चक्कर में घूमते,
ना हम कभी कहीं पहोंचते
कल आज और कल के वादे 
पल पल रूप बदल के आते 

भ्रमित दुनिया हर पल नया
खेल रचाए,
हम भी बदल बदल के अपना किरदार निभाए 

इतिहास भी साथ चलता जाए
जैसे धरा धूरी पे घूमती जाए
हम भविष्य बनाने चलते
जैसे कोई गुप्त ख़ज़ाना खोजते 

ना जाने कब हम समझेंगे
वर्तमान ही केवल सच है
बीता कल या आने वाला कल कहां है
जीने को तो बस ये इक पल मिला है
इस पल में कहां कोई रंज है
इस पल मैं तो सिर्फ शिवा, बस तू है ।।🙏🙏

Shalu Makhija
Sept 27, 2023

Friday, 3 February 2023

खास नहीं आम बनना है


खास नहीं आम बनना है

बचपन का सपना था
परवरिश या जिद्द थी
कुछ करके दिखाना
कुछ बनके दिखाना
कुछ खास बन ना
भीड़ में खो न जाना

यहां आ गई, अभी बहुत दूर जाना
ये ओहदा, ये इज्जत
ये रुतबा ये शहोरत 
बस बढ़ाते जाना
कुछ विशेष बनना
प्रसिद्धि का प्रयास करना


उम्र यूं ही ढल गई
ये मुकाबला न बदला 
कुछ ख़ास बन ने का
व्याख्यान हर दिन बदला ।

थोड़ा रुकी मैं
एकबार फिर से तलाशा
पलट के देखा मैंने 
क्या खोया क्या पाया

सोचा क्यों न reverse gear लगाऊं,
ख़ास से "आम" बनने का सफर भी देख आऊं ।

बस फिर तो क्या था
गुरुत्व तो जैसे एक पल में उतरा
हर दिन जीने का 
गणित  जैसे कि बदला

बेफिक्र मस्ती
अहम का ना महत्व
वो क्या सोचे
मैं क्या सोचूं
इज्जत के ये अलग मापदंड
ना मेरी जिम्मेदारी
पंछी सी उड़ान 
न कोई जल्दबाजी
छोटी सी खुशियां
रूबरू हो गई थी
जब से मैं "सुगम" हो गई थी।

संवाद में निच्छलता
पहनावे का न आडंबर
ना तुम्हे कोई दिखाए
न तुम्हे कुछ दिखाना
ना कोई  प्रतियोगी
ना किसी मेडल की चाहत
कमाई में ही अब संतुष्टि हो गई थी
जब से मैं बस "निर्विशेष" हो गई थी।

दिल से जुड़े रिश्ते
हर किसी का आदर
न कोई ज्यादा
न कोई कम
बस बाहें फैलाए
सब का ही सत्कार
बनी उस पेड़ जैसी
जो झुकता फल के साथ
प्रसन्नता से मैं रूबरू हो गई थी
जब से मैं " एकरूप" हो गई थी।

सुबह की वो धूप
शाम का ये  ढलना
बारिश की ये बौछारें
बैकयार्ड में हर जीव का यूं पलना,
तेरा मुस्कराना
दिल से हाथ मिलाना
हर सांस का आना
मुझे प्रकाशित करके यूं जाना
हर पल मैं अनुग्रहित हो गई थी
जब से मैं "खास"से "आम" हो गई थी।

Thanks
Shalu Makhija
Dt Feb 3, 2023