गोल गोल चक्कर में घूमते,
ना हम कभी कहीं पहोंचते
कल आज और कल के वादे
पल पल रूप बदल के आते
भ्रमित दुनिया हर पल नया
खेल रचाए,
हम भी बदल बदल के अपना किरदार निभाए
इतिहास भी साथ चलता जाए
जैसे धरा धूरी पे घूमती जाए
हम भविष्य बनाने चलते
जैसे कोई गुप्त ख़ज़ाना खोजते
ना जाने कब हम समझेंगे
वर्तमान ही केवल सच है
बीता कल या आने वाला कल कहां है
जीने को तो बस ये इक पल मिला है
इस पल में कहां कोई रंज है
इस पल मैं तो सिर्फ शिवा, बस तू है ।।🙏🙏
Shalu Makhija
Sept 27, 2023