For the ending year, few words from my side,
थोड़े थोड़े रंग भर के
आखिर एक तस्वीर बन गई,
शब्दों को परोते परोते
ये देखो अब कविता बन गई ।
साल खत्म होने को आया तो
नई उम्मीदें बन गई,
मैंने पीछे जो मुड़के देखा
नए रिश्तों की एक डोर बन गई ।
खट्टे मीठे किस्सों से होके
मैं थोड़ी और समझदार बन गई,😊
यां हर दिन की नई कहानी
मुझे फिर से विद्यार्थी बना गई ।
हाँ, जानती हूं की इस वर्ष भी
कुछ पत्ते जवानी में झड़ गए,
जाने अंजाने इतिहास ने
कुछ और शहादातों के किस्से लिख दिए,
सही गलत के वो ही सवाल
फिर से उठ गए,
पर मैं ने ये जाना
दिल में प्यार और करुणा
अब भी रोए ।
मैं तो जिंदगी को
खुली बाहों से पुकारूं
आंखों में हसी, दिल में प्यार
को थोड़ा और भर लूं
नए साल की इस चौखट पे
सर्जन की जादूगरी
को मैं सहज, सहर्ष स्वीकार लूं ।।
🙏🙏
30th December 2023
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